रुणिजो हैं मथुरा काशी
Runijo hei mathura kashi (भजन हिंदी में)
रामदेवजी भजन
रुणिजो हैं मथुरा काशी,
रुणिजो हैं मथुरा काशी,
नवखण्डा रो नाथ विराजे,
द्वारका रो वासी
रुणिजो हैं मथुरा काशी…..!!
दुखी हुआ जद अजमाल जी,
द्वारका ने जासी
मन में साँचो राख भरोसो,
मिल जावे अविनाशी
रुणिजो हैं मथुरा काशी….!!
उंडे जल में मिलियो सवारियों ,
अजमल यू भाखी
दुनिया सारी मने केवे बाजियों,
खाय मरू ला फांसी
रुणिजो हैं मथुरा काशी…!!
भादुड़ा री बीज चांदनी,
चन्दो प्रकाशि भगत रे
बालकियो बन आवसु आंगने,
पगल्या मण्डं जासी
रुणिजो हैं मथुरा काशी…!!
मैंणादे जी देखन आया,
देख होया राजी बालक ने
तंवर वश में होयो उजालो,
देखे नगर वासी
रुणिजो हैं मथुरा काशी…!!
कपट छोड़ मगन होय मन में,
हर दम हर्षासि
गाव बाने रो दास गोपालो,
वृंदावन जासी
रुणिजो हैं मथुरा काशी…!!
Runijo hei mathura kashi = Gopal Das
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