हालो सन्तां रे देश हेली
Halo santa re desh heli (भजन हिंदी में)
दोहा :
“कबीर सपने रैण के, भयो कलेजे छेक
जद सोवू जद दोय जणां, जद जागूं जद एक”
हेली भजन
सूती होती सत सेज में म्हारी हेली,
जागे तो जतन करे |
जद जागूं जद एकली म्हारी हेली,
रोय-रोय रूदन करे |
म्हारी हेली, हालो सन्तां रे देश |
लागो भजनां रे वालो नेस म्हारी हेली,
हालो सन्तां रे देश ।।
छोड़्यो पीवर छोड़्यो सासरो म्हारी हेली,
छोड़ो दियो रंग भर देश
पेरन पीताम्बर पेरिया म्हारी हेली,
सिर पर भगवड़ा वेस,
म्हारी हेली, हेलो सन्तां रे देश।
लागो भजनां रे वोलस नेस म्हारी होली,
हालो सन्तां रे देश।।
पियाजी बिना म्हारो प्राण पड़े म्हारी हेली,
जल बिन मछिया मरे |
कोई बताओ म्हारे श्याम ने म्हारी हेली,
रंग भर रास रमे |
म्हारी हेली, हालो सन्तां रे देश ।
लागो भजनां रे वालो नेस म्हारी हेली,
हालो सन्तां रे देश ।।
धरा अम्बर बिच चालणो म्हारी हेली,
नहीं पवना रो प्रवेश
पिछमी वाट रे घाट पर म्हारी हेली,
एड़ो दिवानो वालो देश,
म्हारी हेली, हालो सन्तां रे देश ।
लागो भजनां रे वालो नेस म्हारी हेली,
हालो सन्तां रे देश ।।
नहीं ऊगे नहीं आथवे म्हारी हेली,
करोड़ भान परवेश
बन्नानाथ उण देश में म्हारी हेली,
बार-बार आदेश,
म्हारी हेली, हालो सन्तां रे देश ।
लागो भजनां रे वालो नेस म्हारी हेली,
हालो सन्तां रे देश ।।
Halo santa re desh heli = sant Bannanathji
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