फकीरी सूरों ने गम होय
| Fakiri suro ne gam hoy

भजन श्रेणी:फकीरी भजन
गायक: Omprakashji
भाषा: हिंदी


दोहा

मंगला माया त्याग दे और हांडी लेले हाथ
वरन छतरियों की माँग ले नहीं पूछनी जात
मंगला और हांडी उतम है, धोने का काम नहीं
हांणी लेले हाथ में और निर्भय जप ले राम

फकीरी सूरों ने गम होय(भजन के बोल)

फकीरी सूरों ने गम होय,
फकीरी सूरों ने गम होय |
कायर होवे ज्योंरा काचा माथा,
वे देवे पले रोय ||

फकड़ सोही जो फिकर त्यागे,
देवे वासना खोय,
आशा तृष्णा तुरंत मिटावे,
मैं तूं राखे नहीं दोय ||

पांच पच्चीस पकड़ बस कीना,
छूट सके नहीं कोय,
मन को मार कियो जिन सुगरो,
ब्रह्म स्वरूपी होय ||

होय निशंक फिरे इण जग में,
क्या गम उनको होय,
ऐसा फकड़ रहे बिन परवा,
राव रंक नहीं कोय ||

कर में हाण्डी गले में गूदड़ी,
और पास नहीं कोय,
अपनी मौज रहे बस्ती में,
जाय जंगल में सोय ||

लक्ष्मण गिरी गुरू पूरा मिलिया,
प्यालो पायो मोय.
मंगल गिरी गूदड़ियो बोले,
नमो नमो गुरू तोय ||

Fakiri suro ne gam hoy = Omprakashji

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Fakiri suro ne gam hoy | फकीरी भजन

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