हर भज हर भज हीरा परख ले | Har bhaj har bhaj hira parakh le
भजन श्रेणी: गुरु भजन
गायक:shree soham bhartiji
भाषा: हिंदी
दोहा
सब धरती कागज करूं
लखनी करु वन राय,
सात समुंदर की स्याही करु
गुरु आपके गुण लिखा नहीं जाए
हर भज हर भज हीरा परख ले (भजन के बोल)
हर भज हर भज हीरा परख ले,
समझ पकड़ मन मजबूती,
इंद्र घटा सु सतगुरु आया
अमृत बूंदों हद बूटी |
त्रिवेणी रा रंग महल में,
हसले लालों हद लूटी
सांचा स्मरण करो सायब रा.
और वार्ता है झूठी
इस काया में पांच चोर है,
पांचों की पकड़ो सिर चोटी,
पांचों को मार पच्चीसों को वश में,
तब जाणु तेरी रज बूटी,
हर भज हर भज हीरा परख ले..||
सत स्मरण का छैल बनाऊ,
ढाल बनाऊं धीरज की,
पच्चीस धडि रो तोल बनाऊं,
उन पर राखु एक रति,
हर भज हर भज हीरा परख ले..||
झिर मीर झिर मीर मेहूडा वर्षे,
जगमग ज्योति है जल की,
मसिंदर प्रताप जती गोरख बोले,
अलख लखो सो कर जती,
हर भज हर भज हीरा परख ले..||
“बोलो सतगुरु देव जी की जय हो”
Har bhaj har bhaj hira parakh le = shree soham bhartiji
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