ओ मन मारो काग स्वरूपी | O MAN MARO KAG SWRUPI
भजन श्रेणी: गुरु भजन
गायक: JETPURI GOSWAMI
भाषा: हिंदी
दोहा
सुर दो मैया सरस्वती
गुरु बताओ ज्ञान
अन्न देवो मैया धरतरी,
जल बरसे भगवान
ओ मन मारो काग स्वरूपी (भजन के बोल)
ओ मन मारो काग स्वरूपी,
अवगुण बहुत भराया,
सतगुरू दाता म्हाने हँस बनाया,
मेहरम मोती पाया |
गुरासा शरण आपकी आया |
चरणो में आया बहुत सुख पाया,
मिट गया जमडा रा दाया गुरासा
शरण आपकी आया |
ओ मारी सुरता घणी नखराली,
फिर फिर गोता खाया,
सतगुरू बाण शब्द रा वाया,
नूरता निशान गुराया,
गुरासा शरण आपकी आया |
चरणो में आया बहुत…………..||
आ मारी सुरता लागी राम से,
तार से तार मिलाया,
आठों पोर अमीरस पीवे,
पिवत प्यास बुझाया,
गुरासा शरण आपकी आया |
चरणो में आया बहुत…………..||
वेगम वाणी आगम जाणी,
आत्म में ओल्खाया,
जीव शिव एकन घर आया,
हेमनाथ जस गाया,
गुरासा शरण आपकी आया |
चरणो में आया बहुत…………..||
“बोलो सतगुरु महाराज की जय”
O MAN MARO KAG SWRUPI = JETPURI GOSWAMI
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