गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे | Guruji bina suto ne kun jagave
भजन श्रेणी: गुरु भजन
गायक: PRAKASH KHATTU
भाषा: हिंदी
दोहा
गुरू देवन के देव हो,
आप बढ़े जगदीश बेड़ी
भव जल बीच में
गुरु तारो विश्वावाविश
गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे (भजन के बोल)
गुरू भजन
असंग जुगो सुतो म्हारो मनवो,
फिर फिर गोता खावे,
गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे |
जन्मों जन्म रो सुतो म्हारो मनवो,
फिर फिर गोता खावे,
गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे ||
मिनख जमारो मिलियो मुश्किल से,
फेर हाथ नहीं आवे जी,
आयो अवसर भूल मत मिनखा,
भूले चौरासी में जावे,
गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे,
असंग जुगो रो सुतो म्हारो मनवो,
फिर फिर गोता खावे,
गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे ||
लख चौरासी में घाट घनेरा,
माय जीव दुख पावे,
कु कर्म करे मिट्टी में मिल जावे,
मार जमो घणी खावे,
गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे |
असंग जुगो रो सुतो म्हारो मनवो,
फिर फिर गोता खावे,
गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे ||
मकड़ी मुख सु लार निकाले,
उन रो जाल बनावे,
आपो जाय जाल में बैठें,
उलझ उलझ मर जावे,
गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे |
असंग जुगो रो सुतो म्हारो मनवो,
फिर फिर गोता खावे,
गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे ||
शंकर नाथ गुरु पूरा मीलिया,
भिन भिन तरह समझावे,
रूपाराम सत्त गुरूजी रे चरणो में,
चरण स्पर्श सुख पावे,
गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे |
असंग जुगो रो सुतो म्हारो मनवो,
फिर फिर गोता खावे,
गुरूजी बिना सुतो ने कुण जगावे ||
“बोलो सतगुरु महाराज की जय”
Guruji bina suto ne kun jagave = PRAKASH KHATTU
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