संतो ने बलिहारी
SANTO NE BALIHARI
(भजन के बोल)
दोहा:-
“सतगुरु बादल प्रेम का,
मेरे पर बरसों आप
अन्दर भीगे आत्मा,
गुरु हरियों वनराय ”
गुरू भजन
चील संतोष से नापो नापो सड़कों,
जहाज बनाओ हद भारी,
सत संगत री गाड़ी बनाओ,
बैठो नर ने नारी,
वारी संतो ने बलिहारी,
गाड़ी में बैठ आनंद सुख पाओ,
टल जावे नरक द्वारी,
वारी संतो ने बलिहारी ||
मन ममता रा इंजन बनाओ,
गियर देवो कला चेतन धारी.
ज्ञान ध्यान रा तेल सिंच दो,
प्रेम देवी पिचकारी,
वारी संतो ने बलिहारी,
गाड़ी में बैठ आनंद सुख पाओ,
टल जावे नरक द्वारी,
वारी संतो ने बलिहारी ||
नाभि कमल पर जंक्शन भारी,
दश पाखंडियों बारी,
बिना टिकट गाड़ी में मत बैठो,
आगे कंडक्टर भारी,
वारी संतो ने बलिहारी,
गाड़ी में बैठ आनंद सुख पाओ,
टल जावे नरक द्वारी,
वारी संतो ने बलिहारी ||
सियाराम गुरु पूरा मीलिया,
अमर पट्टा अधिकारी,
कहे बनानाथ सुनो भाई साधो,
गाड़ी ने बहुत ललकारी,
वारी संतो ने बलिहारी,
गाड़ी में बैठ आनंद सुख पाओ,
टल जावे नरक द्वारी,
वारी संतो ने बलिहारी ||
“बोलो सतगुरु महाराज की जय”
SANTO NE BALIHARI = SHIVPURI MAHARAJ
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