बुगला ढाणी से उड़ जायजे
BUGLA DHANI SE UD JAIJE

राजस्थानी लोकगीत

भजन श्रेणी: राजस्थानी लोकगीत
गायक: Indra Dhavsi
भाषा: हिंदी


लोकगीत

बुगला ढाणी से उड़ जायजे ( गीत के बोल)

बुगला ढाणी से उड़ जायजे रे,
उड़ जायजे रे,
मैं नखराली नार,
बेडलो भरवा देईजे रे,
भरवा देईजे रे बेडलो,
भरवा देईजे रे,
मैं नखराली नार,
बेडलो भरवा देईजे रे, ||

रगड़ रगड़ पग धोवती,
जूता रखती एडा,
परनिया थारे राज में,
लून मिर्च का फोड़ा,
बुगला ढाणी से उड़ जायजे रे,
उड़ जायजे रे,
मैं नखराली नार,
बेडलो भरवा देईजे रे ||

काली हांडी जोर की रे,
मायने घाल लिया होला,
होला होला क्या करो,
परणिया मिल गया भोला,
बुगला ढाणी से उड़ जायजे रे,
उड़ जायजे रे,
मैं नखराली नार,
बेडलो भरवा देईजे रे ||

अस्सी कली रो घाघरों,
म्हारे कली कली में घेर
पेहर बजारा निकली,
रुपिया रो ढ़ीगला ढेर,
बुगला ढाणी से उड़ जायजे रे,
उड़ जायजे रे,
मैं नखराली नार,
बेडलो भरवा देईजे रे ||

ऊंची मेडी उजली,
जिन पर उग्या पौधा,
मैं तो म्हारे पीवर चालू,
घना फिरेला रोता,
बुगला ढाणी से उड़ जायजे रे,
उड़ जायजे रे,
मैं नखराली नार,
बेडलो भरवा देईजे रे ||

BUGLA DHANI SE UD JAIJE = Indra Dhavsi

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