मारी सोवन चिड़ी रे मारी सोवन चिड़ी
Mari chowan chidi re mari chowan chidi( भजन के बोल हिंदी में)
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मारी सोवन चिड़ी रे मारी सोवन चिड़ी,
काया रा कारीगर थाने फुटरी गडी
नव दस मास गर्भ में रही नरगा में पड़ी,
बाहर आकर भूल गई राम री अर्जी
मारी सोवन चिड़ी रे मारी………
नव दस मास गड्नता लागा, हद पे हद गडी
गुण जोड़ियां तिन तिन सानध्या, लाला बीच जड़ी
मारी सोवन चिड़ी रे मारी………
चुण चुग़ाऊ पानी पिलाऊं, राखो हरी भरी
पल पल री थारी लेवु खबरा, जाने क्यों बिछडी
मारी सोवन चिड़ी रे मारी………
गुरु रे प्रताप सु आ जल पर शिला तिरी
रामानंद रा भणे कबीरा सत्संग में सुधरी
मारी सोवन चिड़ी रे मारी……… ||

