मैं थाने सिमरु गजानंद देवा
Mei thane simru gajanand deva
भजन श्रेणी: गणेश भजन
गायक: गोरखनाथ
भाषा: हिंदी
दोहा
“लसत सरस सिंधुर-बदन,
भालथली नखतेस।
विघनहरन मंगलकरन,
गौरीतनय गणेश”
मैं थाने सिमरु गजानंद देवा (भजन के बोल)
👉
मैं थाने सिमरु गजानंद देवा
वचनो रा पालन वाला ज़ी
सरस्वती मां शारदा ने सिमरु,
हृदय में करो उजाला जी
खोलो मोरे हृदय रा ताला जी,
नींद रा निवारू भोलेनाथ ने ।।
जरणी नी जाया उदर नहीं आया,
अमियों रा लाल केवाया जी
मैं थाने सिमरु गजानंद……..||
हाथ पसारू हीरो हाथ में नहीं आवे,
मुट्ठियों में नहीं समावे जी
मैं थाने सिमरु गजानंद……..||
पानी जैसा पतला पवन जैसा जीणा,
शोभा वरण नी जावे जी
मैं थाने सिमरु गजानंद……..||
सुंड सुंडालो बाबो देवल बैठो,
गले फूलडा री वर माला जी
मैं थाने सिमरु गजानंद……..||
चांद थाने सिमरे सूरज थाने सिमरे,
सिमरे नवलख तारा जी
मैं थाने सिमरु गजानंद……..||
बोलिया गोरखनाथ मछंदर रा चेला,
लाज भगतो री राखे जी
मैं थाने सिमरु गजानंद…….. ||
Mei thane simru gajanand deva
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