शहर रे मुल्तान माहे हरिणाक्ष्यप रो राज | SHEHAR MULTAN MAI HARINAKASHYAP RO RAAJ
भजन श्रेणी: कृष्ण भजन
गायक: पहलाद सिंह चारण
भाषा: हिंदी
दोहा
भक्ति भाव से उपजे और न्ही भक्ति के वंश
हरिण्यकश्यप घर पहलाद जन्मियों तो राजा अग्रसेन घर कंस
शहर रे मुल्तान माहे हरिणाक्ष्यप रो राज (भजन के बोल)
शहर रे मुल्तान माहे हरिणाक्ष्यप रो राज,
छोने माला फेरता सरिया दे कुम्हार ||
घर रा कामो ने सरियादेव गया बाज़ारो माय,
लारे मकनोजी नेवो दियो रे सलगाय ||
काम रे साजे ने सरियादेव आया घरों रे माय,
मिनकी रा बसियो रो कटे गियो ओ माठ ||
सांबलो नी जाया थे जरणी वाली बात,
मिनकी रा बसियो रो मटको बताय ||
सांबलो नी जरणी थे जाया वाली बात,
मिनकी रा बसिया आया नेवा रे माय ||
धूप रे धुपेरो सरियादेव लीदो हाथ रे माय,
आरती उतारे सरियादेव कुम्हार ||
द्वारिका रा नाथ दौड़े ने बेगो आव,
मिनकी रा बसिया री परी करो सम्भाल ||
आप नहीं आवो तो सावरिया पथ पोता री जाय,
बलता नेवा बसिया मिनी रा उवार ||
“बोलो कृष्णा कनैया लाल की जय हो”
SHEHAR MULTAN MAI HARINAKASHYAP RO RAAJ = PEHLAD SINGH CHARAN
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